Posts

Showing posts from 2017

अच्छा

मुझे मतलब नही कौन किसके साथ कैसा है, जो मेरे साथ अच्छा है वो मेरे लिए अच्छा है🙏

रिस्ते

ये फिजूल भरे रिश्तो से अकेले रहना अच्छा है जो वक़्त पर वक्त को ना समज सके ऐसे रिश्तों से दूर होना अच्छा है -
कुछ गलतियाँ हमारी भी है कुछ गलतियाँ तुम्हारी भी है इस मोहब्बत के गुनाह में ना बेकसूर तुम हो ना गुन्हेगार हम है - *शुभम की कलम से*
आओ एक न्यू सुरुआत करते है। इस  साल  की गलती अगले साल सुधार कर करते है।🙏🏻💐 दिल अगर साफ है , तो नफरत क्यूं , मेरी गलती को भूल समझ कर माफ करना, दिल  पर जमी धूल को न्यू साल  पर दिल से स...
मुझे पता ह मेरे जीने के तरीका आपको पसंद नही पर में क्या करूं में अपनी इस आदत से मजबूर हूँ और आदत ह के अब बदलती नही - *शुभम की कलम से*
भरोसा तो तेरे प्यार पर ही था अब तुम बेमतलब बेवफा निकले तो अब हमे तुमसे मतलब क्या *शुभम की कलम से*
वो अक्सर महफिलो की रौनक बनती थी पर जब उसकी महफ़िल में हम पहुचे तो उसके चेहरे का रंग ही उतर गया - *शुभम की कलम से*
भरी महफ़िल में भी छुपा लेते है हम अपना गम पर कभी कभी ये नम आँखे धोखा दे जाती है - *शुभम की कलम से*
हम गलत नही है साहेब हमारे जिन्दगी जीने के  तरीके ओरो से थोड़े अलग है - *शुभम की कलम से*
   *बिकती है ना ख़ुशी कहीं*, *ना कहीं गम बिकता है..*. *लोग गलतफहमी में हैं*, *कि शायद कहीं मरहम बिकता है..*. *इंसान ख्वाइशों से बंधा हुआ* *एक जिद्दी परिंदा है,* *उम्मीदों से ही घायल है और* *उम्म...
waqt badal diya tumne.... apni haar ko jeet m badal diya tumne.... Waqt ko badalna aata hai tum ko har muskil mod se gujarna aata hai tumko... shakha se he patto ko urja milti hai himmat wale kabhi harte nahi hai.. aage he badhna or khud pr viswas rakhna.. fir dekhna raste sare kaise aashan hote hai.. .....Narendra...

विश्वास

*कोई विश्वास तोड़े तो उसका भी धन्यवाद करें,* *क्योंकि वही हमें सिखाता है कि विश्वास बहुत सोच समझकर करना चाहिए...* नरेंद्र त्यागी
जहाँ भी ज़िक्र हुआ सुकून का, वहीँ तेरी बाहोँ की तलब लग जाती हैं। ऐ जिंदगी तू खेलती बहुत है खुशियों से, हम भी इरादे के पक्के हैं मुस्कुराना नहीं छोडेंगे। मंज़र धुंधला हो सकता है, मंज़िल नहीं, दौर बुरा हो सकता है, ज़िंदगी नहीं..!! बडा जालिम है साहब, दिलबर मेरा, उसे याद रहता है, मुझे याद न करना! मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना, पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हु। जिसे निभा न सकूँ, ऐसा वादा नही करता, मैं बातें अपनी औकात से, ज्यादा नहीं करता। पांवों के लड़खड़ाने पे तो सबकी है नज़र, सर पर है कितना बोझ, कोई देखता नहीं। मोहब्बत की मिसाल मॆ बस इतना ही कहूँगा, बेमिसाल सजा है.. किसी बेगुनाह के लिये। न जरूरत​, न आदत, न जिद​, न मोहब्बत​, न जुनून, बस ​एक.. पुरानी जानलेवा लत हो तुम..!! चलने की कोशिश तो करोदिशायें बहुत हैं। रास्तो पे बिखरे काँटों से न डरो, तुम्हारे साथ दुआएँ बहुत हैँ। रंग तेरी यादों का उतर न पाया अब तक, लाख बार खुद को आँसुओं से धोया हमने। मिला वो लुत्फ हमको डूब कर तेरे ख्यालों में कहाँ अब फर्क बाकी है अंधेरे और उजालों में। बंद लि...
किसी ने क्या खूब लिखा है: कल न हम होंगे न गिला होगा, सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा, जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें, जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा। सूरज, चाँद और सितारे मेरे साथ में रहे, जब तक तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में रहे, शाखों से जो टूट जाये वो पत्ता नहीं हैं हम, आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे। भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत, तो भूलके तुमको संभलना हमें भी आता है, मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना, तेरी तरह बदल जाना हमें भी आता है।
मेरे बाद अगर किसी को मुझ जैसा पाओ, तो मेरे बाद किसी के साथ मुझ जैसा मत करना। सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें, इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना। धूप के साये बिखर आये हैं घर के अन्दर, इक अँधेरे ने मेरे मन से शिकायत की है। कुछ पल, ज़रूरतों के साथ क्या गुज़ारे, मुँह फुला के, बैठ गयी हैं सब ख्वाहिशें। तुम्हें पा लेते तो किस्सा इसी जन्म में खत्म हो जाता, तुम्हे खोया है तो, यकीनन कहानी लम्बी चलेगी। लोग कहते हैं समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं, मैं अरसे से ख़ामोश हूँ वो बरसों से बेख़बर है। रात के काले धब्बे ले कर चाँद मुझे यूँ लगता है, जैसे रुई के फाहे से तूने काजल अभी मिटाया हो। काश की कयामत के दिन हिसाब हो सब बेबफाओ का, और वो मुझसे लिपट कर कहे की मेरा नाम मत लेना। सर झुकाने की खूबसूरती भी क्या कमाल की होती हैं, जमीं पर सर रखों और दुआ आसमान में कुबूल हो जाती हैं। नज़ाकत आपकी है शिकायत हमारी है कि जब भी, मुस्करा कर देख लेते हो कसम से दम निकल जाता है। किस दर्द को लिखते हो इतना डूबकर, एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर। सोने जा रहा हूँ तुझे ...
आरजू थी तुम्हारी तलब बनने की, मलाल ये है कि तुम्हारी लत लग गयी। वो कितना खुश है मुझे भूलकर, काश उसके जैसा दिल मेरे पास भी होता। मुस्कुराने के बहाने जल्दी खोजो वरना, जिन्दगी रुलाने के मौके तलाश लेगी। रिश्तों पर रुपयों की किश्ते जोड़ देते है, खाली हो जेब तो लोग हर रिश्तें तोड़ देते है। ऐ दिल तू समझा कर बात को, जिसे तू खोना नही चाहता वो तेरा होना नही चाहता। तुम लौटकर आ जाना जब भी तुम्हारा दिल करे, सौ बार भी लौटोगे तो हमें अपना ही पाओगे। अजनबी तो हम जमाने के लिए हैं, आपसे तो हम शायरियों में मुलाकात कर लेते हैं। ज्यादा कुछ नहीं बदला उम्र बढ़ने के साथ, बचपन की ज़िद समझौतों में बदल जाती है। एक खूबसूरत कहानी रात के आगोश में पनाह लेगी, चाँद निकाह कराएगा और चाँदनी गवाही देगी। बहुत ख़ास थे कभी हम किसी की नज़रों में, मगर नज़रों के तकाज़े बदलने में देर ही कितनी लगती है। इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिये, तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है। संभाल के रखना अपनी पीठ को यारो, शाबाशी और खंजर दोनो वहीं पर मिलते है। परवाह करने की आदत ने तो परेशां ...