भरी महफ़िल में भी छुपा लेते है हम अपना गम पर कभी कभी ये नम आँखे धोखा दे जाती है - *शुभम की कलम से*

Comments

Popular posts from this blog

चिता ओर चिंता

स्वभाव

दिल दरिया