मेरे बाद अगर किसी को मुझ जैसा पाओ,
तो मेरे बाद किसी के साथ मुझ जैसा मत करना।
तो मेरे बाद किसी के साथ मुझ जैसा मत करना।
सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें,
इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना।
धूप के साये बिखर आये हैं घर के अन्दर,
इक अँधेरे ने मेरे मन से शिकायत की है।
कुछ पल, ज़रूरतों के साथ क्या गुज़ारे,
मुँह फुला के, बैठ गयी हैं सब ख्वाहिशें।
तुम्हें पा लेते तो किस्सा इसी जन्म में खत्म हो जाता,
तुम्हे खोया है तो, यकीनन कहानी लम्बी चलेगी।
लोग कहते हैं समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं,
मैं अरसे से ख़ामोश हूँ वो बरसों से बेख़बर है।
रात के काले धब्बे ले कर चाँद मुझे यूँ लगता है,
जैसे रुई के फाहे से तूने काजल अभी मिटाया हो।
काश की कयामत के दिन हिसाब हो सब बेबफाओ का,
और वो मुझसे लिपट कर कहे की मेरा नाम मत लेना।
सर झुकाने की खूबसूरती भी क्या कमाल की होती हैं,
जमीं पर सर रखों और दुआ आसमान में कुबूल हो जाती हैं।
नज़ाकत आपकी है शिकायत हमारी है कि जब भी,
मुस्करा कर देख लेते हो कसम से दम निकल जाता है।
किस दर्द को लिखते हो इतना डूबकर,
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर।
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर।
सोने जा रहा हूँ तुझे ख्वाब में देखने की हसरत ले कर,
दुआ करना कोई जगा ना दे तेरे दीदार से पहले।
मुझे तेरा साथ.. जिंदगीभर नहीं चाहिये,
बल्कि जब तक तु साथ है.. तब तक जिंदगी चाहिये।
फिर किसी मोड़ पर मिल जाऊँ तो मुहँ फेर लेना तुम,
पुराना इश्क़ हूँ.. फिर उभरा तो कयामत होगी..!!
तुमको बहार समझ कर, जीना चाहता था उम्र,
भर,भूल गया था की मौसम तो बदल जाते हैं।
टूटे मक़ान वाला, दिल में ताजमहल रखता हूँ,
बात गहरी मगर अल्फ़ाज़ सरल रखता हूँ।
सुना है आज उस की आँखों मे आसु आ गये,
वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है।
हमें भी शौक था दरिया-ऐ-इश्क में तैरने का,
एक शख्स ने ऐसा डुबाया कि अभी तक किनारा न मिला।
लुट लेते है अपने ही वरना, गैरों को
कहां पता इस दिल की दीवार कहां से कमजोर है।
तुझे याद रखने के शौक में, मैंने खुद को भुला दिया,
मेरा नाम पूछा किसी ने जब, तेरा नाम मैंने बता दिया।
हूँ परेशान मैं ये कहने के लिये,
तू ज़रूरी है मुझको ज़िन्दा रहने के लिये।
तू ज़रूरी है मुझको ज़िन्दा रहने के लिये।
एक बार निगाहे उठाकर देख तो लो,
हम नही चाहते हमे कोई और देखे।
मजबूरियों से लड़कर रिश्तों को समेटा है,
कौन कहता है मुझे रिश्तें निभाने नहीं आते।
इससे ज़्यादा तुम्हें कितना क़रीब लाऊँ मैं,
कि तुम्हें दिल में रख कर भी दिल नहीं भरता।
यकीन जानो ये महोब्बत इतनी भी आसान नहीं,
हज़ारों दिल टूट जाते हैं एक दिल की हिफाज़त में।
मैंने पूछा कैसे जान जाते हो मेरे दिल की बातें,
वो बोली जब रूह में बसे हो फिर ये सवाल क्यूँ।
वो रख ले कहीं अपने पास हमें कैद करके,
काश की हमसे कोई ऐसा गुनाह हो जाये।
खुद को वो चाहे लाख मुकमल समझे,
लेकिन मेरे बिना वो मुझे अधूरा ही लगती है।
काश इक दिन ऐसा भी आये हम, तेरी बाहों में समा जाएँ,
सिर्फ हम हो और तुम हो और, वक्त ही ठहर जाए।
मुहब्बत होंठों से नहीं, उनसे निकली मीठी बातों से है..
क्यों कि मासूमियत चेहरे से कहीं ज्यादा, उसकी भोली आँखों में है।
ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोडा,
जब हम उसके गुलाम हो गए।
जब हम उसके गुलाम हो गए।
बहुत मुश्किल है बंजारा मिजाजी,
सलीका चाहिये जनाब आवारगी में।
सच ये हे बेकार हमें ग़म होता हे,
जो चाहा था दुनिया में कम होता हे।
जो ये तीर फेंकते हो तुम, बेसबब जमाने पर,
ये भी याद रख लेना, तुम भी हो निशाने पर।
सितम तो ये है की हमारी सफों में शामिल हैं,
चराग बुझते ही खैमा बदलने वाले लोग।
तोड़ दिया इन कंपनी वालो ने ख़्वाब तुझे पाने का,
कहते है तेरा नंबर भी मेरी पहुंच से बाहर है।
रूबरू आपसे मिलने का मौका रोज नहीं मिलता,
इसलिए शब्दों से आप सब को छू लेता हूँ।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते-चलते,
रोको अपनी यादों को मेरे शहर में बारिश हो रही है।
हजारों चेहरों में, एक तुम ही थी जिस पर हम मर मिटे,
वरना, ना चाहतों की कमी थी, और ना चाहने वालो की।
सूनो… एक साँस भी पूरी नहीं होती.. तुम्हें सोचे बिना,
तुमने ये कैसे सोचा कि पूरी जिंदगी गुजार लेंगे हम तेरे बिना।
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