मेरे बाद अगर किसी को मुझ जैसा पाओ, तो मेरे बाद किसी के साथ मुझ जैसा मत करना। सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें, इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना। धूप के साये बिखर आये हैं घर के अन्दर, इक अँधेरे ने मेरे मन से शिकायत की है। कुछ पल, ज़रूरतों के साथ क्या गुज़ारे, मुँह फुला के, बैठ गयी हैं सब ख्वाहिशें। तुम्हें पा लेते तो किस्सा इसी जन्म में खत्म हो जाता, तुम्हे खोया है तो, यकीनन कहानी लम्बी चलेगी। लोग कहते हैं समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं, मैं अरसे से ख़ामोश हूँ वो बरसों से बेख़बर है। रात के काले धब्बे ले कर चाँद मुझे यूँ लगता है, जैसे रुई के फाहे से तूने काजल अभी मिटाया हो। काश की कयामत के दिन हिसाब हो सब बेबफाओ का, और वो मुझसे लिपट कर कहे की मेरा नाम मत लेना। सर झुकाने की खूबसूरती भी क्या कमाल की होती हैं, जमीं पर सर रखों और दुआ आसमान में कुबूल हो जाती हैं। नज़ाकत आपकी है शिकायत हमारी है कि जब भी, मुस्करा कर देख लेते हो कसम से दम निकल जाता है। किस दर्द को लिखते हो इतना डूबकर, एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर। सोने जा रहा हूँ तुझे ...
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