“नहीं” और “हाँ” यह दो छोटे शब्द है, लेकीन जिनके लिए बोहोत सोचना पड़ता है हम जिंदगीमें बोहोतसी चीजे खो देते है, “नहीं” जल्दबाजी में बोलने पर, और, “हाँ” देर से बोलने पर
हर आदमी का अपना एक स्वभाव होता है, कुछ लोग बुराई कर के खुस रहते है और कुछ लोग अपने देखे पर विस्वास करते है, मैं कभी किसी की बुराई जब तक नही करता जब तक मैं खुद ना देखु। लेकिन कुछ लो...
जिन को हम अच्छे समझ बैठे है, वो हमें बच्चे समझ बैठे है, होती नही हम से मतलब की यारी यारो, हम तो दिल हाथ लिए बैठे हैं, फेक देते है हर एक झोली में, हम तो दिल दरिया लिए बैठे हैं...
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