बढत्पन

बस इतना चाहिए तुझसे ए ज़िन्दगी,
जब ज़मीन पर बैठू तो लोग बढत्पन समझे औकात नहीं!! 
नरेंद्र त्यागी

Comments

Popular posts from this blog

चिता ओर चिंता

स्वभाव

दिल दरिया