परिचित
*मैं लोगों से मुलाक़ातों*
*के लम्हे याद रखता हूँ*
*मैं बातें भूल भी जाऊं*
*तो लहजे याद रखता हूँ*
*ज़रा सा हट के चलता हूँ*
*ज़माने की रवायत से*
*जो सहारा देते हैं वो*
*कंधे हमेशा याद रखता हूँ*
*शुभ प्रभात*
नरेंद्र त्यागी
Very Well written. love shayari
ReplyDelete