दोस्ती

"""दोस्त इतने है कि गिनते गिनते थक जाओगे.
लेकिन सच्चे कौन हैं कुछ सेकेंड में ही समझ जाओगे"""

कुछ आज़माते है,तो कुछ निस्वार्थ करते है,
कुछ गलत हो कर भी नही मानते ओर कुछ सही हो कर भी उस की गलती माफ कर देते है,,
नरेंद्र त्यागी🤝🏻

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