“नहीं” और “हाँ” यह दो छोटे शब्द है, लेकीन जिनके लिए बोहोत सोचना पड़ता है हम जिंदगीमें बोहोतसी चीजे खो देते है, “नहीं” जल्दबाजी में बोलने पर, और, “हाँ” देर से बोलने पर
*स्वामी विवेकानंद कहते हैं* *"कि तुम मुझे पसंद करो या मुझसे नफरत, दोनो ही मेरे पक्ष में हैं।"* *"क्योंकि अगर तुम मुझको पसंद करते हो तो, मैं आपके दिल में हूँ,* *और अगर तुम मुझ से नफरत करते हो , तो मैं आपके दिमाग में हूं !!"* *"पर रहूंगा आप के पास ही*"
झुकने से रिश्ता गहरा हो तो झुक जाओ , 🙇🏻♂️ पर हर बार आप को ही झुकना पड़े तो रुक जाओ, 🤚🏻 ज़िन्दगी में पछतावा करना छोड़ दीजिए, 😇 बल्कि कुछ ऐसा कीजिये कि लोग आप को छोड़ कर पछताए। 😎