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Showing posts from January, 2018

अपने

*किसी ने क्या खूब लिखा है* *"वक़्त निकालकर"...* *बाते कर लिया करो अपनों से,* *अगर अपने ही न रहेंगे...* *"तो वक़्त का क्या करोगे* Narendra

ज़िन्दगी की प्रेस कॉन्फ्रेंस

कभी कभी ज़िन्दगी की ज़द्धो ज़हेत, हम बता नहीं सकते,ओर ना समझा सकते, तो बस ये ही कहना उचित है। *मुझे भी करनी बहुत सी शिकायते ए ज़िन्दगी तुझ से*      *अब तू यूँ ही सुन लेगी या प्रेस क...

ब्लैक बोर्ड

     कहते है....काला रंग       "अशुभ" होता है       पर स्कुल का वो      "Black Board"      लोगों की जिंदगी        बदल देता है..       

परिभाषा

कवि या लेखक नहीं हूं । हूं मैं एक छोटा सा कलम..... लिखता हूं अपनी भाषा । में बहुत कम शब्दों में लिख देता हूं ज़िन्दगी की परिभाषा...... नरेंद्र त्यागी

सच्चे मित्र

सच  ही तो है। दोस्त बहुत होते है लेकिन अच्छे दोस्त बहुत कम..... कुछ खास होते है कुछ खास हो जाते है..... कुछ दिल से जुड़ जाते है कुछ दिल मे मिल जाते है... रास्ते बेशक अलग हो दिल अगर सच्चा ह...